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लेखनी प्रतियोगिता -23-Aug-2023 "गोस्वामी तुलसीदास जयंती"

"गोस्वामी तुलसीदास जयंती"

अद्भुत है जीवन उनका महापुरुष और महा कवि ज्ञान का वो भंडार है । 
माता जिनकी हुलसी पिता आत्माराम दुबे और ब्राह्मण जाति में लिया अवतार है।। 
नाम है गोस्वामी तुलसीदास और लिखा रामचरित जिसका ग्रंथ महान है। 
1532 में श्रावण मास की सप्तमी अद्भुत नक्षत्र में जन्मे असाधारण बालक महान है।। 

जन्म से उपस्थित दांत और शरीर सामान्य से बड़ा आकार है। 
माता-पिता ने घबरा कर किया अपने से दूर अपने प्राणों का प्यार है।। 
सौंप दिया बालक अपना अपनी चुनिया दासी के हाथ है। 
कुछ समय पश्चात माता-पिता हो गए स्वर्ग के वासी‌ ये कैसी दुख की घड़ी का वास हैं।। 

बड़े प्यार से चुनिया दासी ने किया बच्चे का लालन पालन अपार है। 
पाँच बरस की आयु में छोड़ चली वह बालक को स्वर्ग सिधार है।। 
द्वार द्वार भटक रहा था बच्चा नादान और बेघर हुआ अनाथ है। 
नित्य रोज मां पार्वती भेष ब्राह्मणी का रखकर देती उसको भोजन का थाल है।। 

भगवान शिव का हुआ आवास तो श्री नरहयनिंद जी ले चल साथ अयोध्या धाम है। 
नाम रामबोला रख और यज्ञोपवीत संस्कार कराया उनका भगवान के द्वारा है।। 
बिना सिखाए सीख लिया मंत्र गायत्री का उच्चारण बालक बड़ा ही यह होनहार है। 
सभी को अपने ज्ञान से कर दिया विस्मित और उन्होंने हैरान है। । 

गुरुजनों के परामर्श से सुंदर कन्या रत्नावली से संपन्न हुआ उनका विवाह दृश्य बड़ा मनभावन है। 
बीत रहा था जीवन उनका बड़े ही सुंदर और सुख से अपरंपार है।। 
एक दिन बिना बताए चली गई थी पत्नी तुलसीदास की मायके के द्वार है। 
निकल पड़े थे आधी रात को मिलने पत्नी के वियोग में चारों तरफ फैल अंधकार है।। 

देख दशा तुलसीदास की रोष में आ कर के बोली बातें उनसे चार हैं। 
इतनी असिक्त इस हाड़ मास के शरीर से यह तो बात बहुत खराब है।। 
होता प्रेम जो इतना ईश्वर से लगता बेड़ा पार जीवन के इस जंजाल से। 
छोड़ चले उसी दिन से सब जग सारा खोजने प्रभु की तलाश है।। 

राम भक्ति में लीन हुए तब, आंखें तरसे प्रभु दर्शन को, अब मन में बची एक ही आस है। 
मिला दे कोई मेरे राम प्रिय से, जीवन तभी सफल हो मेरा, नहीं तो जन्म मेरा बेकार है।। 
देख के भक्ति भेष बदलकर, आए श्री हनुमानजी तुलसी जी के पास है। 
दरस दिखाया तब है उन्होंने राम का, किया सफल तब जीवन उनका हुए खुशी से गदगद आज है।। 

लिख डाले तब अनेकों ग्रंथ प्रिया राम के जीवन पर, किया बड़ा ही अनोखा चित्रण बारंबार है। 
रामचरितमानस बन गई हिंदुओं के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ ज्ञान का सार है।। 
रामचरितमानस में श्री रामचंद्र जी के संपूर्ण जीवन की झलक और हर समस्या का मिलता समाधान है। 
कर दिया संपूर्ण जीवन निछावर प्रभु राम के चरणों में और लिख डाले ग्रंथ अनेकों जिसमें उनका गुणगान है। । 

आज गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती पर उनको सत्सत प्रणाम है।।

मधु गुप्ता "अपराजिता"




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6 Comments

बेहतरीन चित्रण

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बहुत बहुत धन्यवाद और आभार 🙏🙏

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Aliya khan

24-Aug-2023 01:55 AM

मधु जी अपने एप्लीकेशन डाउनलोड कर लिया lekhny का

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नहीं किया है

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Reena yadav

23-Aug-2023 07:57 PM

👍👍

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Thank u so much 🙏🙏

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